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संक्षेप में, सनातन धर्म अर्थात वैदिक धर्म क्या है?

संक्षेप में, सनातन धर्म अर्थात वैदिक धर्म क्या है?  वैदिक धर्म को ही सनातन धर्म भी कहा जाता है। 'सनातन' का अर्थ होता है- ऐसी चीज, जो समय अथवा स्थान के परिवर्तन के साथ नहीं बदलती। उदाहरण के लिए, 'हमें कभी किसी के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए' एक [...]

संक्षेप में, सनातन धर्म अर्थात वैदिक धर्म क्या है?2022-10-28T14:31:47+00:00

VEDIC DHARMA

VEDIC DHARMA Vedic Dharma is called Sanaatan Dharma. ‘Sanaatan’ means a thing, which never changes because of change in time or place. For example, ‘we should never do injustice with anyone’ is a value, which remains true in every time and place. As all the animals are given the [...]

VEDIC DHARMA2022-03-02T15:26:03+00:00

वैदिक संस्कृति

वैदिक संस्कृति 'संस्कृति' का अर्थ आज 'संस्कृति' शब्द का अर्थ बहुत अस्पष्ट है और इसका बहुत दुरुपयोग किया गया है। अलग-अलग लोग इस शब्द के अलग-अलग अर्थ लेते हैं। सभी राष्ट्र मानते हैं कि उनकी अपनी संस्कृतियां हैं, लेकिन ये संस्कृतियां इंसानों के पाशविक नृत्य को रोकने में विफल [...]

वैदिक संस्कृति2022-02-06T11:10:19+00:00

गीता को अधिक अच्छे से समझने के लिए मौलिक जानकारियां

गीता को अधिक अच्छे से समझने के लिए मौलिक जानकारियां गीता को अधिक अच्छे से समझने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण बिंदुओं को जानने से पहले, हमें इस धर्मोपदेश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में जान लेना चाहिए। यह उपदेश, जिसे भगवद्गीता के नाम से जाना जाता है, आर्यवर्त्त देश [...]

गीता को अधिक अच्छे से समझने के लिए मौलिक जानकारियां2022-01-24T15:10:26+00:00

श्रीमद्भगवद्गीता की कुछ अवधारणाओं का स्पष्टीकरण

श्रीमद्भगवद्गीता की कुछ अवधारणाओं का स्पष्टीकरण 'मृत्यु' और 'हत्या' शब्दों की विवेचना क्षत्रिय, समाज के उस वर्ग को कहा जाता है, जिनका कर्तव्य दूसरों के अधिकारों की रक्षा करना होता है। हर क्षत्रिय को युद्ध में धर्म की ओर से भाग लेना ही चाहिए। धर्मयुद्ध में मरना और मारना [...]

श्रीमद्भगवद्गीता की कुछ अवधारणाओं का स्पष्टीकरण2023-12-17T11:00:11+00:00

ईशा-उपनिषद

ईशा-उपनिषद -अधिकांश विचार: पंडित गंगाप्रसाद उपाध्याय  सबसे पहले, आइए जानते हैं कि उपनिषद क्या हैं। उपनिषद वैदिक विद्वानों द्वारा अपने शिष्यों को दी गई वेद की ऋचाओं की व्याख्याएं हैं। उपनिषदों में वर्णित व्याख्याएं अनुभवात्मक होती हैं। इन पुस्तकों की लोकप्रियता को देखते हुए आधुनिक काल में उपनिषद नाम [...]

ईशा-उपनिषद2024-01-28T14:09:29+00:00

गुरु

गुरु ऐसा माना जाता है कि ईश्वर की ओर बढ़ने के लिए गुरु का होना आवश्यक है। लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके द्वारा केवल वही व्यक्ति, जिसने स्वयं ईश्वर को जान लिया है, गुरु हो सकता है। गुरु बनने के लिए न तो किसी विशिष्ट योग्यता [...]

गुरु2022-11-03T16:10:56+00:00

वास्तविक पूजा क्या है

वास्तविक पूजा क्या है और वास्तविक पूजा करने की विधि क्या है? देवताओं की पूजा और ईश्वर की पूजा में क्या अंतर है?   पूजा से क्या तात्पर्य है? वास्तविक पूजा को समझने से पहले, बेहतर होगा कि हम आज के व्यक्तियों द्वारा 'पूजा' शब्द से लिया जाने वाला [...]

वास्तविक पूजा क्या है2022-11-03T16:07:38+00:00

सामान्य ज्ञान (बुनियादी)

    सामान्य ज्ञान (बुनियादी) - आइए, एक हैरान करने वाली बात जानते हैं। भौतिक विज्ञान से संबंधित विषय पर हर कोई भौतिक-विज्ञानी के दृष्टिकोण को सुनना पसंद करेगा, इसी प्रकार खगोल विज्ञान से संबंधित विषय पर, हर कोई एक खगोलशास्त्री के विचार को सुनना पसंद करेगा और उनके [...]

सामान्य ज्ञान (बुनियादी)2023-07-17T14:45:27+00:00

विवेक और उसमें बढ़ोतरी

विवेक और उसमें बढ़ोतरी   - हमारी बुद्धि अथवा हमारे मस्तिष्क की जज करने की क्षमता को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। हमारे कर्म हमारे वर्तमान विवेक के अनुरूप होने चाहिएं न कि अन्य व्यक्तियों के विवेक के अनुरूप, भले ही उस दूसरे व्यक्ति का विवेक [...]

विवेक और उसमें बढ़ोतरी2021-11-06T13:25:15+00:00
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