यदि ईश्वर जीव को न बनाता और न सामर्थ्य देता, तो
प्रश्न ९– यदि ईश्वर जीव को न बनाता और न सामर्थ्य देता, तो जीव कुछ भी न कर सकता था। अतः ईश्वर की प्रेरणा से ही जीव कर्म करता है। यही मानना उपयुक्त है। उत्तर– जीवात्मा अनादि, अनुत्पन्न और अविनाशी है। श्रीमद्-भगवद्गीता के द्वितीय अध्याय में भी कहा है- [...]