ईश्वर क्या सब कुछ कर सकता है? क्या ईश्वर अन्याय भी कर सकता है?

 

 सर्वशक्तिमान शब्द का अर्थ लिया जाता है-जो सब कुछ कर सके। इस अर्थ के अनुसार, तो, ईश्वर अन्याय भी कर सकता है, किसी कर्म का फल चाहे तो दे, न चाहे तो न दे आदि। यानि कि वह अपने गुण, कर्म, स्वभाव के विपरीत भी जा सकता है। लेकिन, महर्षि दयानन्द द्वारा सर्वशक्तिमान शब्द का किया गया अर्थ अत्यन्त तर्क संगत है। उनके अनुसार ईश्वर को सर्वशक्तिमान, इसलिए, कहा जाता है कि वह इतने विराट ब्रह्माण्ड, विशाल लोक-लोकान्तरों को बनाने, धारण करने, प्रलय करने और जीवों को कर्मफल व्यवस्था के अनुसार, जीवन, मृत्यु आदि प्रदान करने में वह किसी अन्य की सहायता नहीं लेता। वह स्वयं अपनी शक्ति और सामर्थ्य से ही इन कार्यों को कर रहा है। इस अर्थ के अनुसार, ईश्वर अपने स्वरूप (गुण, कर्म, स्वभाव) के विरुद्ध नहीं जा सकता अत: ‘सर्वशक्तिमान’ का यही अर्थ उचित है।

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