आर्य किन्हें कहते हैं?

 

आर्य का अर्थ है, श्रेष्ठ मनुष्य। इस धरती पर पहली बार पदार्पण करने वाले लोग, आज के तिब्बत देश में पैदा हुए। ये लोग कालान्तर में इस भूखण्ड में आ बसे और आर्य कहलाए। आर्यों के रहने से यह भूखण्ड ‘आर्यावर्त्त’ कहा जाने लगा। आर्य कोई विदेशी आक्रांता नहीं, बल्कि, यहां के मूल निवासी थे। हमारे प्राचीन ग्रन्थों में हमारे देश को ‘आर्यावर्त्त’ के नाम से ही सम्बोधित किया गया है। भारत से पहले, हमारे देश को ‘आर्यावर्त्त’ ही कहा जाता था। क्योंकि, आर्य लोग वेद अर्थात ईश्वरीय ज्ञान को ही मानव का वास्तविक स्वभाव अथवा धर्म मानते थे, इसलिए, यह कहा जा सकता है कि आर्यों का धर्म, वैदिक धर्म था।

जिन  देशों में आर्य लोग व्यापार के लिए जाते थे, उन्होंने आर्य लोगों को ‘हिन्दु’ के नाम से सम्बोधित करना आरम्भ किया।  पहले पहल तो यह ठीक रहा फिर कालान्तर में  ‘हिन्दु’ शब्द का अर्थ चोर आदि किया जाने लगा। 

आर्य बनने के लिए आवश्यक है आर्यों के सिद्धान्तों को आत्मसात् करना।

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