सत्य भाषण क्या है?
आम तौर पर, अपनी वाणी से ठीक वैसी ही बात कहना, जैसी कि हमारी आत्मा में किसी घटना अथवा वस्तु के बारे में जानकारी हो, सत्य भाषण कह दिया जाता है। परन्तु, यह आवश्यक नहीं कि जो ज्ञान हमारी आत्मा में हो, वह सत्य ही हो। इसलिए आत्मा द्वारा इन्द्रियों के माध्यम से ग्रहित ज्ञान को प्रमाणों की कसौटी पर कसने के पश्चात, वैसा ही कहना सत्य भाषण है।
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