क्या धर्म और विज्ञान अलग- अलग हैं?
आज विज्ञान को अध्यात्मिकता से अलग समझा जाता है। कुछ घटनायों के कारण अध्यात्मिकता और विज्ञान को अलग समझा जाने लगा। वेद, उपनिषद, दर्शन आदि जितने भी ग्रन्थों को हम धर्म शास्त्र मानते हैं, उनमें विज्ञान पिरोया हुआ है। विज्ञान की एक आधारभूत मान्यता है कि यदि एक क्रिया एक काल में की जा सकती है, तो वहीं क्रिया अन्य काल में भी संभव होनी चाहिए, बशर्ते कि वैसी ही परिस्थितियां बाद में भी पैदा की जा सकें। इस बात को हमारे धर्म शास्त्र पूर्णतया मानते हैं । इसलिए जब हम अपने धर्म शास्त्रों के अनुरूप अध्यात्मिकता की बात करते हैं, तो वे पूर्ण रूप से वैज्ञानिक होती हैं। हमारे धर्म शास्त्रों में भिन्न-भिन्न विषयों का ज्ञान निहित है। विज्ञान (विज्ञान=वि+ज्ञान) विशिष्ट अथवा विशेष ज्ञान को कहा जाता है। विज्ञान ज्ञान से अलग तत्व नही है ।