हमें झूठ नहीं बोलना चाहिए। हमे बेईमानी, धोखा और लालच नहीं करना चाहिए, लेकिन क्यों?
ईश्वर सत्य स्वरूप है। वह मोह, झूठ, लालच आदि विकारों से रहित है। हम अपने व्यवहार में जितना-जितना, ईश्वरीय गुणों को धारण करते जाते हैं, उतना-उतना हम प्रगति की ओर बढ़ जाते हैं।