भाग्य
पूर्व-जन्मों में किए कर्मों का फल ईश्वर हमें दो अवसरों पर देता है। एक तो हमारे जन्म के समय, जाति, आयु और भोग के रुप में और दूसरी बार- वर्तमान जन्म में संतान प्राप्ति के समय। इसके अतिरिक्त ईश्वर कभी भी हमें हमारे पूर्व कर्मों का फल नहीं देता। कर्माशय के जिस भाग का फल हमारे वर्त्तमान जन्म के पश्चात नियत होता है, उनका फल हमें मृत्यु के पश्चात अगले जन्म में ही मिलता है। इस अनुसार भाग्य का अर्थ हमारे पूर्व जन्म / जन्मों के वहीं कर्म हैं, जिनका फल हमें ईश्वर दो अवसरों पर देता है। इसके अतिरिक्त भाग्य कहे जाने वाले हमारे इसी जन्म के कर्म होते हैं।
Leave A Comment