पहला भजन
प्रभु जी इतनी सी दया कर दो, हमको भी तुम्हारा प्यार मिले।
कुछ और भले ही मिले न मिले, प्रभु-भक्ति का अधिकार मिले।
प्रभु जी इतनी सी दया कर दो, हमको भी तुम्हारा प्यार मिले। -2
सब कुछ पाया इस जीवन में, बस एक तमन्ना बाकी है। -2
हर प्रेम-पुजारी के मन में, तेरी भक्ति का अधिकार मिले।
प्रभु जी इतनी सी दया कर दो, हमको भी तुम्हारा प्यार मिले।
प्रभु जी इतनी सी दया करदो—
वह जीवन ही क्या जीवन है, जिस जीवन में जीवन ही नहीं।
जीवन तब जीवन बनता है, जब जीवन का आधार मिले।
प्रभु जी इतनी सी दया करदो, हमको भी तुम्हारा प्यार मिले।
कुछ और भले ही मिले न मिले, तेरी भक्ति का अधिकार मिले।
जिसने तुमसे जो कुछ माँगा, उसने ही वहीं तुमसे पाया।
दुनिया को मिले दुनिया लेकिन, भक्तों को तुम्हारा प्यार मिले।
प्रभु जी इतनी सी दया करदो, हमको भी तुम्हारा प्यार मिले।
हम जन्म जन्म के प्यासे हैं, और तुम करुणा के सागर हो।
करुणानिधि से करुणा रस की, इक बूंद हमें इक बार मिले।
प्रभु जी इतनी सी दया करदो, हमको भी तुम्हारा प्यार मिले।
इस मार्ग पर चलते चलते, सदियाँ ही नहीं युग बीत गए।
मिल जाए ‘पथिक’ मंजिल अपनी, हमको जो तुम्हारा द्वार मिले।
प्रभु जी इतनी सी दया करदो, हमको भी तुम्हारा प्यार मिले।
कुछ और भले ही मिले न मिले, तेरी भक्ति का अधिकार मिले।
दूसरा भजन
हे ज्ञानवान भगवन! हमको भी ज्ञान दे दो।
करुणा के चार छींटे, करुणानिधान दे दो।
सुलझा सकें हम अपने जीवन की उलझनों को,
प्रज्ञा ऋतम्बरा सी बुद्धि का दान दे दो।
करुणा के चार छींटे, करुणानिधान दे दो।
हे ज्ञानवान भगवन! हमको भी ज्ञान दे दो।
अपनी मदद हमेशा खुद आप कर सकें हम।
इन बाजुओं में शक्ति, हे शक्तिमान दे दो।
करुणा के चार छींटे, करुणानिधान दे दो।
हे ज्ञानवान भगवन! हमको भी ज्ञान दे दो।
उपकार भावना से निर्भीक सत्य वाणी, मीठे ही शब्द बोलें,
ऐसी जुबान दे दो।
करुणा के चार छींटे, करुणानिधान दे दो।
हे ज्ञानवान भगवन! हमको भी ज्ञान दे दो।
दाता तुम्हारे घर में किस चीज़ की कमी है,
चाहो तो निर्धनों को दौलत की खान दे दो।
करुणा के चार छींटे, करुणानिधान दे दो।
हे ज्ञानवान भगवन! हमको भी ज्ञान दे दो।
तुम देवता हो सबकी बिगड़ी बनाने वाले,
जीवन सफल बने, जो थोड़ा सा ध्यान दे दो।
करुणा के चार छींटे, करुणानिधान दे दो।
हे ज्ञानवान भगवन! हमको भी ज्ञान दे दो।
डर है ‘पथिक’ तुम्हारा रस्ता न भूल जाएं,
भक्तों की मंडली में हमको भी स्थान दे दो।
करुणा के चार छींटे, करुणानिधान दे दो।
हे ज्ञानवान भगवन! हमको भी ज्ञान दे दो।
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