आज का युवा

 

आज के युवा अध्यात्म से दूर होते जा रहे हैं, क्योंकि हमारे परिवारों में कोई नहीं है, जो उन्हें आध्यात्मिकता का सही महत्व, इस शब्द का अर्थ, हमारी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं या गतिविधियों से इसका संबंध, आध्यात्मिकता की ओर झुकाव न होने के कारण होने वाली हानियां आदि बता सकें। साथ ही, वे आध्यात्मिकता से इस कारण से भी दूर होते जा रहे हैं, क्योंकि, वे देखते हैं कि समाज के तथाकथित धार्मिक व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए अपने साथियों के हित की बिल्कुल भी परवाह नहीं करते व उनका व्यवहार अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और अनैतिक होता है। इस स्थिति का हल है कि हम लोग, जो सोचते हैं कि हमारे युवा गलत दिशा में जा रहे हैं, अपने चरित्र से श्रेष्ठ मिसालें उनके सामने रखें, ताकि उन्हें आध्यात्मिकता के लाभों का पता उनके स्वयं के प्रत्यक्ष से हो सके। हमारी श्रेष्ठ मिसालें ही उनकी जीवन-दशा को प्रभावित कर सकती हैं।