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क्या योनियों की संख्या 84 लाख है?

   शंका ६:–   क्या योनियों की संख्या 84 लाख है? समाधान– इसका कोई शास्त्रीय प्रमाण तो मेरी जानकारी में नहीं है। मैंने सब शास्त्र नहीं पढ़े। कहीं शास्त्रों में लिखा हो भी सकता है। परम्परा से तो यही सुनते आ रहे हैं। लेकिन पक्का नहीं कह सकते है कि-84 लाख [...]

क्या योनियों की संख्या 84 लाख है?2023-10-05T15:39:13+00:00

जीवात्मा भविष्य में जो विचार करेंगें, उसका ज्ञान ईश्वर को पहले से हो सकता है या नहीं?

   शंका ५:– जीवात्मा भविष्य में जो विचार करेंगें, उसका ज्ञान ईश्वर को पहले से हो सकता है या नहीं? समाधान– यह तो ईश्वर को पता है कि चुपचाप खाली तो कोई जीवात्मा बैठता नहीं, भविष्य में वह कुछ तो विचार करेगा। किस-किस तरह के विचार जीवात्मा कर सकते हैं, [...]

जीवात्मा भविष्य में जो विचार करेंगें, उसका ज्ञान ईश्वर को पहले से हो सकता है या नहीं?2023-10-05T15:37:07+00:00

जिस प्रकार कई वस्तुएं सड़ने पर मादकता स्वयं आ जाती है वैसे ही

शंका ४ – यह क्यों ना माना जाए कि जिस प्रकार कई वस्तुएं सड़ने पर मादकता स्वयं आ जाती है वैसे ही पांच तत्वों के मिलने पर चेतनता स्वयं पैदा हो जाएगी? उत्तर-ऐसा मानना ठीक नहीं, क्योंकि मदिराजनक प्रत्येक द्रव्य में मादकता पायी जाती है इसलिए उन द्रव्यों के [...]

जिस प्रकार कई वस्तुएं सड़ने पर मादकता स्वयं आ जाती है वैसे ही2023-10-05T15:34:11+00:00

आर्यसमाजी न किसी देवी-देवता की पूजा करते हैं

शंका ३ :- आर्यसमाजी न किसी देवी-देवता की पूजा करते हैं, न सत्यनारायण की कथा करते हैं। भला जो पूजा न करता हो, वह आस्तिक कैसा? भला हवन कर लेना, यज्ञ कर लेना क्या कोई देव पूजा हुई? समाधानः–  इसको समझने के लिए पहले जन सामान्य की दृष्टि से पूजा किसे कहते [...]

आर्यसमाजी न किसी देवी-देवता की पूजा करते हैं2023-10-05T15:21:06+00:00

यज्ञ में चम्मच को अंगूठा, मध्यमा एवं अनामिका से पकड़ने का विधान क्यों किया है?

शंका २:- यज्ञ में चम्मच को अंगूठा, मध्यमा एवं अनामिका से पकड़ने का विधान क्यों किया है? समाधानः–यहाँ पर सामान्य रूप से यह भाव लिया जा सकता है कि ‘मध्यमा अंगुली’ संसार में मध्यम मार्ग से अर्थात् त्याग-भोग, श्रेय-प्रेय, ज्ञान-कर्म के समन्वित मार्ग से चलने की प्रेरक हो सकती है। [...]

यज्ञ में चम्मच को अंगूठा, मध्यमा एवं अनामिका से पकड़ने का विधान क्यों किया है?2023-10-05T15:24:52+00:00

परमात्मा जिसे चाहेगा, उसे अपना स्वरूप प्रकट करेगा

शंका १:–  कठोपनिषद (२//२२) का वचन है- नायमात्मा–से–तनूं स्वाम्।   यह आत्मा न प्रवचन से, न मेधा बुद्धि से, न सत्संग से प्राप्त करने योग्य हैं, जिसको यह आत्मा (परमात्मा) स्वयं स्वीकार करता है, उसी को यह प्राप्त होता है, उसी को यह अपना स्वरूप प्रकट करता हैं।  यहाँ [...]

परमात्मा जिसे चाहेगा, उसे अपना स्वरूप प्रकट करेगा2023-10-05T15:30:42+00:00

क्या व्यक्ति को बुरे कर्म करने के पश्चात अन्य सभी योनियों को भोगना पड़ेगा अथवा

शंका २–  क्या व्यक्ति को बुरे कर्म करने के पश्चात अन्य सभी योनियों को भोगना पड़ेगा अथवा कुछ योनियों के पश्चात् वापस मानव जन्म मिलेगा? समाधान–  एक व्यक्ति ने 20 हजार रुपये की चोरी की, दूसरे व्यक्ति ने दो अरब रुपये की चोरी की। वस्तुतः चोरी दोनों ने की, इसलिए [...]

क्या व्यक्ति को बुरे कर्म करने के पश्चात अन्य सभी योनियों को भोगना पड़ेगा अथवा2023-09-07T12:27:11+00:00

राजा या न्यायाधीश किसी को जो दण्ड या पुरस्कार देता है, क्या वह कर्मफल नहीं है?

प्रश्न १२– राजा या न्यायाधीश किसी को जो दण्ड या पुरस्कार देता है, क्या वह कर्मफल नहीं है? यदि है तो फिर ईश्वर के अतिरिक्त भी कर्मफल देने वाले हुए। उत्तर– जैसा कि कहा जा चुका है कि वेदों में परमेश्वर ने मानवमात्र के लिए कर्तव्य–अकर्तव्य का उपदेश दिया [...]

राजा या न्यायाधीश किसी को जो दण्ड या पुरस्कार देता है, क्या वह कर्मफल नहीं है?2023-09-07T12:19:13+00:00

हमारे विचार में मित्र व शत्रु सुख दुख के कारण नहीं निमित्त हैं।

प्रश्न ११– हमारे विचार में मित्र व शत्रु सुख दुख के कारण नहीं निमित्त हैं। मित्र हि तचिन्तन कर सकते हैं। हित करने का भरसक यत्न भी कर सकते हैं। इसी प्रकार शत्रु अहित चिन्तन भी कर सकते हैं और अहित करने का भरसक प्रयत्न भी कर सकते हैं, [...]

हमारे विचार में मित्र व शत्रु सुख दुख के कारण नहीं निमित्त हैं।2023-09-07T12:14:37+00:00

क्या प्रत्येक मनुष्य की योनि कर्मयोनि है और अन्य सभी प्राणी भोगयोनि में हैं?

प्रश्न १०– क्या प्रत्येक मनुष्य की योनि कर्मयोनि है और अन्य सभी प्राणी भोगयोनि में हैं? उत्तर– कर्तृत्व ओर भोक्तृव्य जीव के स्वाभाविक गुण हैं। इनसे जीव कभी भी मुक्त नहीं हो सकता। हाँ, भिन्न-भिन्न योनियों के कारण इनमें न्यूनता और आधिक्य हो सकता है, किन्तु इनका सर्वथा लोप [...]

क्या प्रत्येक मनुष्य की योनि कर्मयोनि है और अन्य सभी प्राणी भोगयोनि में हैं?2023-09-07T12:11:20+00:00
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