वेद में धर्म का स्वरूप
वेद में धर्म का स्वरूप मन्त्र ओम् सं गच्छध्वं -से- उपासते। -ऋग्वेद 10//191//2 अर्थ- हे मनुष्य लोगो! जो पक्षपातरहित न्याय सत्याचरण से युक्त धर्म है, तुम लोग उसी को ग्रहण करो, उससे विपरीत कभी मत चलो, किन्तु उसी की प्राप्ति के लिए विरोध को छोड़ [...]