साधना

 

– अपने जीवन के अन्तिम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्यों को करने के लिए अपने मन को साधने को ‘साधना’ कहा जाता है। मोक्ष को प्राप्त करने का एक ही तरीका है- अष्टांग योग। हम सभी को ‘साधना’ के तत्वों, उसके उद्देश्य, विधि वगैरह का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए। ‘साधना’ के विषय में बुनियादी ज्ञान होने से:

1 हम साधना के नाम पर किसी के बहकावे में नहीं आ सकते।

2 हम साधना के पथ पर आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र होंगे।

-आज के समय में कुछ शारीरिक व्यायाम करना ही योग कहलाने लगा है। यह सच नहीं है। आध्यात्मिक क्षेत्र में, योग एक ऐसी विधि है, जिसके द्वारा व्यक्ति स्वयं को ईश्वर से मिला सकता है। और केवल एक स्वस्थ व्यक्ति ही ईश्वर के साक्षात्कार के योग्य है। इस तन और मन को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से किए जाने वाले व्यायाम को योग कहना गलत है। उदाहरण के लिए, ‘खाने’ को योग कहना गलत है, भले ही खाने का उद्देश्य इस शरीर को स्वस्थ रखना ही क्यों न हो।