प्रश्न – उपयोगितावाद अर्थात Utilitarianism क्या वर्त्तमान काल में उपयुक्त है?

उत्तर- उपयोगितावाद का सरल सा तात्पर्य है अवसरवाद, अर्थात् अपने प्रयोजन को सिद्ध करने के लिए जैसा करना उचित लगे, वैसा कर लेना। यदि झूठ बोलना पड़े, तो झूठ बोल देना, चोरी करनी पड़े, तो चोरी कर लेना, छल-कपट करना पड़े, तो कर लेना।

इन सिद्धान्तवादियों की ऐसी मान्यता है कि येन केन प्रकारेण उचित, अनुचित, धर्माधर्म विधि-विधान का ध्यान न देते हुए, जो भी करना पड़े वैसा करके कार्य की सिद्धि कर लेना यही ‘उपयोगितावाद’ है।