प्रश्न – मनुष्य कितनी अवस्था का होकर कर्म करना प्रारम्भ करता है?

उत्तर- जब बालक अच्छे-बुरे कर्मों को समझने लायक हो जाता है, तब से वह कर्माशय बनाने वाले सुख-दुख रूप में फल देने वाले कर्मों को प्रारम्भ कर देता है। अथवा ऐसे कह सकते हैं कि जब से बालक होश संभाल लेता है, तब से यह कार्य शुरु हो जाता है। अच्छे-बुरे की समझ कितनी अवस्था में आती है। इसका सामान्य निर्धारण ५ वर्ष से ८ वर्ष तक का कर सकते हैं। यह अवस्था तब से भी मानी जा सकती है, जब से बालक बुरा कर्म करते हुए ईश्वर की ओर से भय, शंका, लज्जा की अनुभूति करे और अच्छा कर्म करते हुए ईश्वर की ओर से आनन्द, उत्साह, निर्भीकता की अनुभूति करे। अथवा ऐसा भी निर्धारण किया जा सकता है कि जिस अवस्था में बच्चों को काम करने पर ये हानियाँ होंगी, ऐसे विधि निषेध की समझ आ जाए। सभी बच्चों के लिए एक अवस्था का निर्धारण नहीं हो सकता। कुछ बच्चे ४ वर्ष की अवस्था में ही अच्छे समझदार हो जाते हैं, तो कुछ ६-७ वर्षो में तो कुछ और अधिक वर्षों के पश्चात् होते हैं।