प्रश्न – घर का स्वामी हिंसा, झूठ, चोरी, छलादि अनैतिक कर्मों से धन व साधनों को जुटाता है, भोग सभी परिवार के व्यक्ति करते हैं, क्या सभी को पाप लगेगा?

उत्तर- यह सिद्धान्त है कि फल कर्त्ता को ही मिलता है, अन्यों को नहीं। घर में परिवार के स्वामी का परिवार के पोषण का दायित्व होता है, तो कर्त्ता वही है, कर्म का फल उसको ही मिलेगा। शेष माता-पिता, पत्नी, बच्चे आदि उसके अधीनस्थ पराधीन हैं, उन्हें फल नहीं मिलेगा। इस विषय में शास्त्र कहता है- कोई व्यक्ति झूठ, छल, हिंसा, चोरी, रिश्वत आदि अनैतिक कार्यों से धन को प्राप्त करता है और उन साधनों का प्रयोग उपभोग उसके परिवार के अधीनस्थ व्यक्ति सभी करते हैं, किन्तु वे उन धन-सम्पत्ति आदि का प्रयोग करते हुए भी अधीनस्थ होने के कारण उस पाप से बचे रहते हैं, पाप रुपी दोष घर के स्वामी को ही लगता है।

कृपया इस सम्बन्ध में प्रश्न ४८ भी पढ़ें।