प्रश्न – घर का स्वामी केवल अपने लिए तो कमा नहीं रहा है, वह तो सभी के लिए कमाता है और सबको खिलाता है तो फिर वह अकेला दोष का भागी क्यों होगा?

उत्तर- क्योंकि घर के शेष व्यक्ति केवल भोक्ता हैं, आश्रित हैं, स्वयं कर्त्ता नहीं हैं, फल केवल कर्त्ता को ही मिलता है, यह कहा गया है, इसलिए उनको भोग करते हुए भी फल नहीं मिलेगा।

एक बात और इस विषय में ध्यान देने योग्य है कि परिवार के सदस्य बुद्धिमान् तथा धार्मिक हों और उनको इस बात का ज्ञान भी हो कि हमारा स्वामी घर का भरण पोषण करने वाला अनैतिक कार्यों अर्थात चोरी, झूठ, रिश्वत आदि के द्वारा हमारा भरण पोषण कर रहा है, तो उनका कर्तव्य है कि वे उसको उस कार्य से रोकें, अपना  विरोध दर्शावें, समर्थन न करें। यदि वे ऐसा करते हैं, तभी वे दोष से बचेगें। यदि नहीं,  तो मुख्य स्वामी के बुरे कर्मों का समर्थन करने से वे भी कुछ अंश में पाप के भागी होंगे और ईश्वर से दण्ड प्राप्त करेंगे।