प्रश्न – क्या हिंसा, झूठ, छल-कपट, चोरी आदि से कभी लाभ भी हो सकता है?
उत्तर- नहीं, हिंसा, झूठ आदि यमनियमों के विरोधी कर्मों से लाभ कभी नहीं होता। क्योंकि, जो हानिकारक, दुखदायी, भयभीत करने वाले कर्म होते हैं, वे ‘हिंसा’ कहलाते हैं। अतः हिंसा होगी, तो लाभ नहीं और लाभ हुआ, तो हिंसा नहीं। लाभ का अर्थ है- सुख, शान्ति, निर्भीकता, सन्तोष, स्वतन्त्रता आदि इन गुणों की उत्पत्ति। जिस कर्म से इन गुणों की उत्पत्ति होती हो, वह हिंसा के अन्तर्गत नहीं आएगा।
Leave A Comment