प्रश्न – क्या निष्काम कर्मों का भी फल मिलता है?
उत्तर- जी हाँ! निष्काम कर्मों का भी फल मिलता है। इस विषय में ध्यान रखने योग्य बात यह है कि कि निष्कामता का अर्थ यह नहीं होता कि कर्त्ता की कोई भी कामना न हो। प्रत्येक कर्म के पीछे कोई न कोई कामना तो होती ही है।
-मनु-स्मृति १//६१
निष्काम कर्म का अर्थ होता है- जिस कर्म के पीछे लौकिक अर्थात् सांसारिक अर्थात् ऐन्द्रयिक सुखों की कामना न हो, धन, सम्पत्ति, पुत्र, पति-पत्नी आदि की कामना न होकर मोक्ष प्राप्ति की या ईश्वर के आनन्द की प्राप्ति की कामना रहती ही है। इस प्रकार जब निष्काम कर्म ईश्वर की प्राप्ति या ईश्वरीय आनन्द की कामना रखकर किये जाते हैं, तो उन का भी फल तो मिलना ही चाहिये, तो फिर प्रश्न हो सकता है कि निष्काम कर्मों का फल किस स्वरूप वाला होता है? इसका समाधान यह है कि निष्काम कर्म करने वाले व्यक्ति में जीव और प्रकृति का प्रकृष्ट विवेक उत्पन्न होता है। परिणाम स्वरूप उसका अन्तःकरण पवित्र हो जाता है और वह व्यक्ति ईश्वर को प्राप्त करने की योग्यता का सम्पादन कर लेता है।
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